Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) 2022

Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2022 :- आज हम आपको इस पोस्ट में “Paramparagat Krishi Vikas Yojana In Hindi” के बारे में सारी जानकारी बताने जा रहे है | जैसे की,

  • परम्परागत कृषि विकास योजना Details
  • PMKY Guidelines
  • PKVY Full Form
  • PKVY PDF
  • Paramparagat Krishi Vikas Yojana Launch Date
  • Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) 2019
  • Pradhan Mantri Yojana’s List

Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) in Hindi

हम सब जानते है की हमारा भारत देश बहुत कृषि प्रधान देश है, क्योंकी कृषि का व्याप पहेले से ही हमारे देश में ज्यादा रहा है | हमारे देश में जो भी सरकार होती है वह कोई न कोई योजना बहार पाडती ही है | और अभीतक जितनी भी योजनाएँ निर्माण हुई है उसका एक ही लक्ष्य होता है की कृषि के स्तर में सुधार लाना |

आज के ज़माने में मशीनों के  कृषि करना बहुत आसान हो गया है, लेकिन कभी किसी ने यह नहीं सोचा की कृषि जहाँ से भी जुडी जाती है उस जमीं की हालत क्या है?

तो हम आपको यहाँ पर उसके बारे में ही बात करने जा रहे है जी हॉ अगर हम कृसगी के बारे में बताये तो उसमे जमीन, किसान और बाजार तीनो का एक साथ में मेल होता है, जैसे की किसान खेती करता है तो उसके साथ उसकी जमीन भी जुड़ी होती है, खेती से जो कुछ भी पैदा होता है उसके साथ बाजार जुड़ा होता है |

अगर कृषि की जमीन या खेती करने वाले कृषक को कुछ हो जाये तो उसका Result क्या होगा? और इसकी खेती की फसल पर क्या असर होगी और इसके लिए क्या करना चाहिए इसके बारे में जानने के लिए Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) की शुरुआत की गई है | अगर देखा जाये तो इस योजना का उद्देश्य हमारे देश के किसानों और उनकी जमीनों के स्वास्थ्य को सुधारना है |

परंपरागत कृषि विकास योजना

आज के ज़माने में खेती मे रसायण युक्त दवाओ का प्रयोग अधिक होता है  लिए खेती में जो भी उपज पैदा होती है वह रसायन युक्त होती है।रसायण युक्त दवाओ की वजह से कृषक की Health पर असर होती है यानि की उसकी हेल्थ ख़राब होती है और इसके साथ साथ कृषि मे पेदा होने वाली उपज हर एक के हेल्थ के लिए नुकसान पहुँचाने वाली होती है।

परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती को सरकार के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा | इस योजना के अंतर्गत किसानो के स्वास्थ्य और जमीन की गुणवत्ता को कायम रखा जाएगा और इसके साथ साथ जैविक खेती को प्रोत्साहन देते हुए किसानो को प्रशिक्षित और मदद करेगी |

Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2021 (PKVY) के द्वारा से कृषकों को जैविक खेती करने हेतु सरकार के माध्यम से प्रोत्साहित किये जायेंगे | रसायन मुक्त खेत उपज मिल सके और साथ ही जमीन की गुणवत्ता को भी सुधारा जा सके इसलिए सरकार किसानो को इस योजना के तहत परंपरागत तरीको से कृषि करने के लिए प्रोत्साहित करेगी |

Pramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) Launch Date

  • PKVYयोजना की शुरुआत NDA सरकार के माध्यम से वर्ष 2015 मे कि गई थी |
  • इस योजना के तहत जैविक कृषि को प्रोत्साहन देने हेतु इस परियोजना का निर्माण कर दिया था |

Paramparagat Krishi Vikas Yojana Details (PKVY)

  • Paramparagat Krishi Vikas Yojana2021 मुख्य परियोजना National Mission For Sustainable Agriculture 2021 के मुख्य परियोजना के Soil Health Management का एक विस्तृत घटक है।
  • PKVYके अंतर्गत कार्बनिक गांव को समूह दृष्टिकोण और PGS प्रमाणीकरण द्वारा जैविक खेती को अपनाने के माध्यम से जैविक खेती को प्रोत्साहन दिया जाता है।
  • इस योजान की कृषि सहकारिता और किसान कल्याण विभाग (Department of Agriculture, Cooperation and Farmers Welfare), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) जैसी प्रमुख Egency भी है |
  • योजान के अंतर्गत प्रमाणित जैविक खेती के द्वारा वाणिज्यिक जैविक उत्पादन का प्रचार किया जाएगा
  • उपज कीटनाशक अवशेष से स्वतंत्र होगा और उपभोक्ता के हेल्थ में सुधार करने में यह योजना खास योगदान देगी|
  • इस योजना का हेतु कृषकों की कमाई बढ़ाने का और व्यापारियों के लिए एक संभावित बाजार बनाना है |
  • यह योजना कृषको को निवेश उत्पादन के लिए प्राकृतिक संसाधन भरती के लिए Motivate करेगा।

PKVY Guidelines

  • PKVY Schemeके तहत जो हमारे देश के कृषक है वह और भी जैविक कृषि करने हेतु प्रेरित हो जायेंगे |
  • इस परियोजना के तहत 50से भी ज्यादा कृषक Jaivik Kheti करने हेतु 50 एकड़ भूमि वाले समूह का संरचना करेंगे |
  • और इसी प्रकार 0 लाखएकड़ भूमि को कवर करने वाले 3 सालो के अंतर्गत 10 हजार  समूह जैविक कृषि के तहत बनेंगे ।
  • PKVYके तहत प्रमाणन पर खर्च हेतु कृषकों पर कोई भी खर्चा नहीं पड़ेगा ।
  • इस योजना के तहत प्रति एक कृषक को3 साल में बीज हेतु , फसलों की कटाई एवमं बाजार में उपज परिवहन हेतु 20 हजार रुपये हर एक एकड़ दिए जायेंगे |
  • इस परियोजना के अंतर्गत पारंपरिक संसाधनों का इस्तेमाल होगा
  • इसके साथ जैविक कृषि को बढ़ावा मिलेगा एवं जैविक उत्पादनों को बाजार से जोड़ पाएंगे ।
  • यह कृषकों को जोड़ कर जैविक उत्पाद के घरेलू पैदावार एवं प्रमाणीकरण में बढ़ोतरी होगी |

PKVY Full Form

Paramparagat Krishi Vikas Yojana 

PKVY PDF

अगर आपको इस योजना की PDF डाउनलोड करने के लिए Download पर Click करे |

Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY)

  1. समूह दृष्टिकोण के द्वारा से हिस्सेदारी की गारंटी विधि (PGS) सत्यापन को अपनाये

PGS Certification हेतु 50 एकड़ में समूह बनाने हेतु कृषकों / स्थानीय नागरिक को गतिमान करना |

  • जैविक कृषि समूह बनाने हेतु लक्षित इलाकों में कृषकों की बैठकों एवं चर्चाओं का प्रबंध(200 rs / कृषक )
  • कृषि के खेतों में समूह के Member को अनावरण का भ्रमण( 200 rs / कृषक ) समूह का निर्माण, PGS को कृषक प्रतिज्ञा एवं समूह से लीड संसाधन व्यक्ति (LRP) की पहचान करेंगे |
  • जैविक खेती पर समूह Members का प्रशिक्षण(प्रशिक्षण के लिए 20000 रुपये \ 3 ट्रेनिंग)
  • PGSप्रमाणन पर प्रशिक्षण (200 रु \ LRP) 2 दिनों में
  • प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण(20) लीड संसाधन शख्स (LRP) (250 रु प्रतिदिन ) समूह को 3 दिनों के लिए मिलेंगे ।
  • किसान केOnline Registration (100 रुपये प्रति सदस्य समूह x 50)
  • मृदा नमूना संग्रह और परीक्षण(Soil Sample Collection and Testing) (21 नमूने / साल / समूह) (3 वर्ष के लिए प्रति नमूना 190 रु)
  • PGSप्रमाणीकरण के लिए जैविक तरीकों में रूपांतरण की प्रक्रिया Documents, प्रयुक्त इनपुट, Cropping Pattern, जैविक खाद और उर्वरक का उपयोग आदि। (100 रुपये प्रति सदस्य x 50 के लिए)
  • समूह सदस्य के क्षेत्रफल का निरीक्षण (400 रु / निरीक्षण x 3) (3 निरीक्षण प्रति वर्ष प्रति समूह किया जाएगा)
  • NABLमें नमूने के अवशेष विश्लेषण (प्रति समूह प्रति वर्ष 8 नमूने) (10,000 रु / नमूना)
  • Certification Fee
  • प्रमाणीकरण के लिए प्रशासनिक खर्च
  1. समूह दृष्टिकोण के माध्यम से खाद प्रबंधन और जैविक नाइट्रोजन कटाई के लिए जैविक गांव को गोद लेना

एक समूह के लिए जैविक खेती के लिए कार्य योजना

  • भूमि का जैविक का रूपांतरण(1000 रु / एकर x 50 )
  • फसल प्रणाली का परिचय; जैविक बीज खरीद या जैविक नर्सरी जमीन बढ़ाना। (500 / एकर / वर्ष x 50 एकर)
  • पारंपरिक जैविक इनपुट उत्पादन इकाइयां जैसे पंचगव्य, बीजमरुथ और जीवनरामथ इत्यादि। (1500 रु / यूनिट / एकर x 50 एकर)
  • जैविक नाइट्रोजन हार्वेस्ट रोपण। (ग्लिरिसिडिया, सेस्बानिया, आदि) (2000 रु / एकर x 50 एकर)
  • वनस्पति निष्कर्ष उत्पादन इकाइयों (नीम केक, नीम का तेल) (1000 रु / इकाई / एकर x 50 एकर)

एकीकृत खाद प्रबंधन

  • तरल जैव उर्वरक कंसोर्टिया (नाइट्रोजन फिक्सिंग / फॉस्फेट सोल्यूबिलाइजिंग / पोटेशियम जैव उर्वरक को संगठित करना) (500 रु / एकर x 50)
  • तरल बायोपेस्टाइड्स (ट्रायकोडर्मा वायरिडे, स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस, मेटार्ज़िज़ियम, बेविओरी बासियाना, पैसिलोमाइसेस, वर्टिसिलियू एम) (500 रु/ एकर x 50)
  • नीम केक / नीम तेल (500 रु/ एकर x 50)
  • फॉस्फेट रिच कार्बनिक खनिज / ज़ीमे ग्रैन्यूल (1000 रु/ एकर x 50)
  • वर्मीकंपोस्ट (आकार 7’x3’x1 ‘) (500 रु/ एकर x 50)

कस्टम भर्ती केंद्र (CHC) शुल्क

  • कृषि उपकरण (SMAM दिशानिर्देशों के अनुसार) – पावर टिलर, कोनो वीडर, धान थ्रेसर, फ्यूरो ओपनर, स्प्रेयर, रोज़ कैन, टॉप पैन बैलेंस
  • बागवानी के लिए चलने वाली सुरंगें (MIDH के दिशानिर्देशों के अनुसार)
  • पशु खाद के लिए मवेशी शेड / कुक्कुट / सुअर (GOKHUL योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार)

समूह के जैविक उत्पादनों की पैकिंग, लेबलिंग एवं ब्रांडिंग

  • PGSलोगो + होलोग्राम प्रिंटिंग के साथ पैकिंग सामग्री (2500 रु / एकर x 50)
  • जैविक उपज का परिवहन (चार पहिया, 1.5 टन भार क्षमता) (120000 रु अधिकतम 1 समूह के लिए सहायता)
  • जैविक मेले (प्रति समूह36330 रु ज्यादा से ज्यादा मदद दी जाएगी)

ऊपर दी गई संपूर्ण जानकारी की PDF File को DOWNLOAD करे|

दोस्तों हमने आपको यहाँ पर Paramparagat Krishi Vikas Yojana के बारे में सारी जानकारी देने का प्रयत्न किया है |

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